कैसे हुआ आवरगढ़ (आमोड) में महाराणा प्रताप व एकलिंग नाथ मंदिर (देवीदरा) निर्माण।
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गजेंद्र मालवीया बिछीवाड़ा

महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी का युद्ध के पश्चात विक्रम संवत (1580-90) के मध्य जगलो में होते गोगुन्दा मे सफर करते हुए,  कमलनाथ आवरगढ मे आ बसे, उन्होने यहा सबसे पहले अपनी सुरक्षा के लिए एक विशाल परकोटे का निर्माण करवाया। जो लगभग 25 किलोमीटर  कि परिधि मे 12 फिट ऊंचाई मे बनाया गया। साथ ही लगभग 7 तालाब व 5 बावडी का निर्माण करवाया। अपनी सेना के निवास हेतु मंहलो का भी निर्माण भी करवाए। जहा पर आज भी कमलनाथ के पुर्वी भाग पर ऊंची चोटी पर आज भी अस्त‌-व्यस्त हालात मे महल देखने लायक है।

आवरगढ मे रहते हुए भाडेर धरती व जमीन देने के लिए पानरवा के राणा खेता का सन्देश आया व महाराणा प्रताप कि पोती से राणा खेता  के पुत्र  से विवाह सम्बन्ध करवाया व महाराणा प्रताप के पुत्र राज सिंह को भाडेर कि धरती देकर यही रोक दिया गया व आदिवास, उषापन, उभी नदी, उपली पाल, भाडेर घाट, भोलेपन सेरो, उपला मेरा, जलरीया, गेरा गांव, कालीपार,‌ अखा घाटा, माता लुकुम्बर, तलहटी (आमोड) निम्न गांव सोपे गए। जो  आज भी भाडेर कि धरती मानी जाती है। महाराणा प्रताप ने देवीदरा आमोड मे पहाडो के बीच विक्रम संवत् (1580-90)  के बीच एकलिंग नाथ कि मुर्ती कि स्थापना करवाई, जिसे आज एकलिंग नाथ (देवीदरा) के नाम से जाना जाता हैं, जहा पर अपनी सेना को सरण दी गई। यह स्थान आमोड के उत्तरी भाग मे पहाडी इलाके मे सटा हुआ है।

एकलिंग नाथ मे भरने वाला  धार्मिक मेला आखिर क्यो हुआ बन्द

एकलिंग नाथ मन्दिर मे बैशाख मास कि पुर्णिमा को  यहा विशाल मेले का आयोजन होता था, 20 वर्ष पुर्व  मन्दिर के आस पास आम के पेड पर एक  विशाल मधुमक्खियों का झुंड रहा करता था,‌ जो चमत्कारी प्रतीत होता था।  उसी समय  वहा एक व्यक्ति जो पकोडे बना रहा था जिसमे बिना हाथ धोऐ ही  मन्दिर मे  दर्शन के लिए प्रवेश कि‌या, उसी समय मधुमक्खियों के झुंड ने उस व्यक्ति पर हमला कर दिया। एवं अधिक संख्या में माल लाने व ले जाने वाले घोड़े मर गए और लोग घायल हो गए।

वर्ष 2014 मे तेज हवा से एक विशाल आम कि पेड जो मन्दिर के उपर आ गिरा, जिससे मन्दिर टुट गया और भगवान एकलिंग नाथ कि मुर्ति आज भी शेष बचे हुए ढांचे में स्थित है। महाराणा प्रताप द्वारा बनाई गई बावड़ी यहां पर स्थित है,  जिसका पानी अभी भी पीने लायक है। यहां से सिधा ऊपर  की चढ़ाई पर 2 किलोमीटर दूर कमलनाथ महादेव का मंदिर स्थित है।

ऐसे जा सकते है। आवरगढ़ (एकलिंग नाथ)

उदयपुर शिक्षा भवन होते रामपुरा से झाडोल होकर कोल्यारी से आगे व बिछीवाडा से पहले तुम्दर होते हुऐ आमोड रोड होकर आमोड ग्राम पंचायत के पास जाखरा फला रोड ।